अंग्रेज़ी वार्तालाप # 47 – Conversation between father and son

Conversation between father and son…यह Conversation Exercise नीचे दी गयी “Spoken English Guru English Conversations Book” से ली गयी है। यदि आप यह पुस्तक खरीदना चाहते हैं तो नीचे दिये गये पुस्तक के चित्र पर क्लिक करें –

Spoken English Guru English Conversation Book

पिताजी: क्या हुआ संदीप? तुम इतने गहरे सोच में लग रहे हो।
Father: What happened, Sandeep? You seem to be pondering over something. (वट हैपन्ड, संदीप? यू सीम टु बी पॉन्डरिंग ओवर समथिंग.)

संदीप: कुछ नहीं पापा, मैं सोच रहा था की आपने मेरी पढ़ाई पे इतना खर्च किया है और मेरी सारी ज़रूरतें पूरी करते हो। मैं आपका ये क़र्ज़ कैसे चुका पाऊँगा!
Sandeep: Nothing papa, I was thinking that you have spent so much money on me and always fulfill all my needs. How I will be able to pay the huge debt! (नथिंग पापा, आय वॉज़ थिंकिंग दैट यू हैव स्पेंट सो मच मनी ऑन मी एंड ऑलवेज़ फुलफिल ऑल माय नीड्स. हाव  आय विल बी एबल टु पे द ह्यूज डैट!)

पिताजी: अरे बेटा, माता पिता का क़र्ज़ तो कभी नहीं चुकाया जा सकता, हमें बस तुम्हारी ख़ुशी और सफलता से ही संतुष्टि हो जाती है।
Father: Beta, it’s impossible to pay parents’ debt, we are satisfied just with your success and happiness. (बेटा, इट्स इम्पॉसिबल टु पे पेरेंट्स डैट, वी आर सैटिस्फाइड जस्ट विद यौर सक्सैस एंड हैपीनेस.)

संदीप: वो सब तो ठीक है, लेकिन आप बताइये, मैं आपके लिए क्या कर सकता हूँ?
Sandeep: That’s all fine; but please tell me what can I do for you? (दैट्स ऑल फाइन: बट प्लीज़ टैल मी वट कैन आय डू फॉर यू?)

पिताजी: हमारे लिए तो यही बहुत होगा की तुम हमारी इज़्ज़त करो और अच्छा बर्ताव करो।
Father: Just respecting us and behaving nicely will be enough for us. (जस्ट रेस्पेक्टिंग अस एंड बिहेविंग नाइसली विल बी एनफ फॉर अस.)

संदीप: लेकिन पापा, आपने एक बार बोला था की आप चाहते हैं कि मैं कलेक्टर बनूँ।
Sandeep: But Papa, you had once said that you wanted me to become a District Magistrate. (बट पापा, यू हैड वन्स सैड दैट यू वॉन्टेड मी टू बिकम अ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट.)

पिताजी: वो तो मेरी एक इच्छा है, लेकिन बड़े अफ़सर बनने से भी बढ़कर है एक अच्छा इंसान बनना। अगर कलेक्टर बन कर भी तुम घमंडी और अहंकारी इंसान बन जाते हो तो क्या फ़ायदा अफ़सर बन के।
Father: That is just my wish, but before becoming an officer you must become a good human. What’s the use of becoming an officer if you turn out to be haughty and egoistic? (दैट इज़ जस्ट माय विश, बट बिफोर बिकमिंग एन ऑफिसर यू मस्ट बिकम अ गुड ह्यूमन. वट्स द यूज़ ऑफ बिकमिंग एन ऑफिसर इफ़ यू टर्न ऑउट टु बी हॉटी एंड ईगोइस्टिक?)

संदीप: आजकल हर इग्ज़ैम में इतना कॉम्पिटिशन है, कि मुझे लगता है कि मेरा आगे का सफर बहुत मुश्किल होने वाला है।
Sandeep: There is so much competition today in every exam that I feel my journey ahead is going to be difficult. (देयर इज़ सो मच कॉम्पिटिशन टुडे इन एव्री इग्ज़ैम दैट आय फील माय जर्नी अहैड इज़ गोइंग टु बी डिफिकल्ट.)

पिताजी: कॉम्पिटिशन तो हर जगह है लेकिन तुम्हें हार नहीं माननी है, तुम्हें लगातार मेहनत करते रहना है। हम हमेशा तुम्हारे साथ खड़े हैं।
Father: Competition is everywhere but you don’t have to give up, you have to work hard consistently. We are always there for your support. ( कॉम्पिटिशन इज़ एव्रीवेअर बट यू डोन्ट हैव टु गिव अप, यू हैव टु वर्क हार्ड कन्सिस्टेंटली.वी आर ऑलवेज़ देयर फॉर यौर सपोर्ट.)

संदीप: लेकिन इतनी भीड़ में मैं अपना नाम कैसे बना पाउँगा?
Sandeep: But how will I be able to make a mark in this huge crowd? (बट हाव विल आय बी एबल टु मेक अ मार्क इन दिस ह्यूज क्राउड?)

पिताजी: भीड़ से डरना नहीं है बल्कि उसका डट कर मुक़ाबला करना है। मैंने कल के अख़बार में एक आर्टिकल पढा कि एक ऐसा लड़का जिसके घर में चूल्हा जलना मुश्किल था, उसने आई ए एस की परीक्षा पास की।
Father: You don’t have to fear the crowd, rather you have to fight it out. I came across an article in the newspaper yesterday that a boy whose family was not able to make both ends meet cleared the IAS exam. (यू डोन्ट हैव टु फियर द क्राउड, रादर यू हैव टु फाइट इट आउट. आय केम अक्रॉस एन आर्टिकल इन द न्यूज़पेपर यस्टरडे दैट अ बॉय हूज़ फैमिली वॉज़ नॉट एबल टु मेक बोथ एंड्स मीट क्लीयर्ड दि आइ.ए.एस इग्ज़ैम.)

संदीप: उस लड़के को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा होगा।
Sandeep: That boy must have to face many problems. (दैट बॉय मस्ट हैव टु फेस मैनी प्रॉब्लम्स.)

पिताजी: हाँ, लेकिन कहते हैं न जहाँ चाह वहाँ राह। मेहनत और लगन से किया हुआ काम कभी व्यर्थ नहीं जाता।
Father: Yes, but it is said that where there is a will there’s a way. Work that is done with diligence and dedication never goes in vain. (यस, इट इज़ सैड दैट वेअर देयर इज़ अ विल देयर इज़ अ वे. वर्क दैट इज़ डन विद डिलिजेंस एंड डैडिकेशन नैवर गोज़ इन वेन.)

संदीप: आपको क्या लगता है पापा, मेरा भविष्य कैसा होगा?
Sandeep: What do you think papa, how will be my future? (वट डु यू थिंक पापा, हाव विल बी माय फ्यूचर?)

पिताजी: तू जो भी क्षेत्र चुने, उसमें सफल होगा अगर दिल लगा के काम करेगा तो।
Father: You will succeed in any field you choose if you put your heart and soul into it. (यू विल सक्सीड इन एनी फ़ील्ड यू चूज़ इफ यू पुट यौर हार्ट एंड सोल इंटू इट.)

संदीप: मेरे ऊपर इतना भरोसा करने के लिए शुक्रिया! मैं आपसे वादा करता हूँ कि मैं अपना पूरा प्रयास करूँगा और आपका नाम रौशन करूँगा।
Sandeep: Thanks for showing faith in me! I promise you that I will give my best and will make you proud one day. (थैंक्स फॉर शोइंग फेथ इन मी! आय प्रॉमिस यू दैट आय विल गिव माय बेस्ट एंड विल मेक यू प्राउड वन डे.)

पिताजी: मुझे तुझ पर गर्व है बेटा, मेरा आशीर्वाद हमेशा तेरे साथ है।
Father: I am proud of you my son, my blessings are always with you. (आय ऐम प्रॉउड ऑफ यू माय सन, माय ब्लेसिंग्स आर ऑलवेज़ विद यू.)
Spoken English Guru English Speaking Course Kit

90 Days इंग्लिश स्पीकिग कोर्स किट (Offline): CLICK HERE
90 Days इंग्लिश स्पीकिग कोर्स (Online): CLICK HERE
सभी Books की PDF eBooks का सैट:
CLICK HERE
6 months ऑनलाइन ब्लॉगिंग कोर्स: CLICK HERE
6 months ऑनलाइन कम्प्यूटर कोर्स:
CLICK HERE
YouTube: CLICK HERE

Facebook: CLICK HERE
Instagram: CLICK HERE
Android App: CLICK HERE

अगर आपको ये आर्टिकल (Conversation 47) पसन्द आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ WhatsApp, Facebook आदि पर शेयर जरूर करिएगा। Thank you! – Aditya sir

1 thought on “अंग्रेज़ी वार्तालाप # 47 – Conversation between father and son”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *